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Saturday, December 8, 2012

राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना

महिला लाभार्थियों की संख्‍या में वृद्धि
      श्रम पर विशेष लेख                                          *अनिल स्‍वरूप
                  Courtesy Photo
देश के गरीब से गरीब व्‍यक्ति तक स्‍वास्‍थ्‍य बीमा का लाभ पहुंचाने के उद्देश्‍य से वर्ष 2008 में राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना की शुरूआत की गई थी। 30 सितम्‍बर, 2012 तक इस योजना के अंतर्गत सवा तीन करोड़ स्‍मार्ट कार्डों का वितरण हो चुका है, जिससे लगभग 11 करोड़ लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य बीमा का लाभ मिला है। इस योजना में बिना किसी नकद सहायता और दस्‍तावेजों के पारदर्शी तरीके से लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य बीमा कवर दिया जा रहा है। योजना की इस पारदर्शिता के लिए देश और विदेश में इस योजना की सराहना हो रही है। संयुक्‍त राष्‍ट्र विकास कार्यक्रम और अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम संगठन ने दुनिया भर में सामाजिक सुरक्षा का लाभ पहुंचाने के लिए जो बड़ी 18 योजनाएं शुरू की हैं, यह योजना उनमें से एक है।
    पहली अप्रैल, 2008 को इस योजना की दो जिलों में साधारण सी शुरूआत हुई थी और 31 मार्च, 2012 को इसने चार वर्ष पूरे कर लिए हैं। अब यह योजना 26 राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों के 430 से अधिक जिलों में चल रही है। 330 जिलों में इस योजना ने एक वर्ष पूरा कर लिया है। 210 जिलों में इस योजना के दो वर्ष और 50 जिलों में तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं।
    जिन 50 जिलों में यह योजना पिछले तीन वर्षों से चल रही है, उनमें एक बहुत ही दिलचस्‍प बात सामने आई है कि इस योजना का लाभ उठाने वालों में महिलाओं की संख्‍या 40 प्रतिशत से बढ़कर 48 प्रतिशत हो गई है।
    योजना की बढ़ती लोकप्रियता के परिणामस्‍वरूप इसका लाभ उठाने वाले लोगों की कुल संख्‍या में भी बढ़ोतरी हुई है। तीन वर्ष पूरे करने वाले 50 जिलों में लाभार्थी परिवारों की संख्‍या में लगातार वृद्धि हुई है और उनकी संख्‍या 59,83,568 से बढ़कर 1,31,77,131 हो गई है। इसमें महत्‍वपूर्ण बात यह है कि इन 50 जिलों में लाभार्थी महिलाओं की संख्‍या पिछले दो वर्षों में 165.2 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि लाभार्थी पुरूषों की संख्‍या में 90.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले दो वर्षों में लाभार्थी महिलाओं की संख्‍या में जो आश्‍चर्यजनक व़द्धि हुई है, उसका कारण पहले वर्ष में महिलाओं को अस्‍पताल से मिलने वाले लाभ, जागरूकता में वृद्धि और आंकड़ा संचय (डाटाबेस) की प्रक्रिया में सुधार है। इन 50 जिलों में, जहां तीन वर्ष पूरे हो गए हैं, यह प्रवृत्ति और भी सुदृढ़ हुई है।
    अस्‍पताल में चिकित्‍सा सेवाओं का लाभ उठाने वालों की संख्‍या में भी वृद्धि हुई है। अस्‍पताल भर्ती की दृष्टि से यदि देखा जाए, तो तीन वर्ष पूरे करने वाले 50‍ जिलों में महिलाओं का अस्‍पताल भर्ती अनुपात पहले वर्ष के 4.58 प्रतिशत से बढ़कर तीसरे वर्ष में 6.68 प्रतिशत हो गया। (अस्‍पताल भर्ती अनुपात की गणना किसी एक वर्ष में अस्‍पताल में भर्तियों की संख्‍या और कुल लाभार्थियों की संख्‍या के अनुपात से की जाती है)।
    लाभार्थियों के पंजीकरण की तरह अस्‍पताल भर्ती संख्‍या में भी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसकी दिलचस्‍प बात यह है कि इस योजना के अंतर्गत सेवाओं का लाभ उठाने वाली महिलाओं की संख्‍या में खासी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि लाभार्थियों की कुल संख्‍या में महिलाओं के मुकाबले पुरूषों की संख्‍या अधिक है, लेकिन अस्‍पताल भर्ती के लाभ उठाने वाली महिलाओं की संख्‍या पुरूषों से अधिक है। इन 50 जिलों में पिछले दो वर्षों में जहां अस्‍पताल भर्ती सेवाओं का लाभ उठाने वाली महिलाओं की संख्‍या में 286.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं पुरूषों की संख्‍या में 140 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
    ये इस योजना के शुरूआती परिणाम हैं और इस दृष्टि से बहुत उत्‍साहजनक हैं कि गरीब से गरीब व्‍यक्ति के लिए भी अस्‍पताल सेवाओं की उपलब्‍धता बढ़ी है। विशेष रूप से महिलाओं ने इस योजना का अधिक लाभ उठाया है। इस योजना के परिणामस्‍वरूप बड़ी संख्‍या में लोगों की जानें बचाई जा सकी हैं। चिकित्‍सा साधनों की कमी के कारण गरीब महिलाएं पहले चुपचाप कष्‍ट झेलती रहती थीं, लेकिन अब वे उपचार के लिए किसी भी सूचीबद्ध सरकारी या गैर-सरकारी स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर जा सकती हैं। अस्‍पतालों में उनका स्‍वागत किया जाता है, क्‍योंकि उनके स्‍मार्ट कार्ड में 30 हजार रूपये तक के उपचार के लिए आर्थिक सहायता की व्‍यवस्‍था है।
    जिन राज्‍यों ने राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना के अंतर्गत महिलाओं का पंजीकरण बढ़ाने और अस्‍पतालों में उपलब्‍ध चिकित्‍सा सेवाओं का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को प्रोत्‍साहित करने का सराहनीय कार्य किया है, उन्‍हें सम्‍मानित करने के लिए पुस्‍कार स्‍थापित किया गया है। वर्ष 2011 में यह पुरस्‍कार झारखंड को और वर्ष 2012 में गुजरात को मिला है।
    राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना के अंतर्गत किस प्रकार से महिलाओं को गुणवत्‍तापूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य सेवा उपलब्‍ध कराई जा रही है, इसका आकलन करने के लिए भारत-जर्मन सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम द्वारा मार्च-अप्रैल 2012 में विशेष अध्‍ययन कराया गया। हरियाणा के पलवल और पानीपत जिलों में इस योजना की लाभार्थी महिलाओं और गैर-लाभार्थी महिलाओं के विचार जानने के लिए 10 सामूहिक चर्चाओं का आयोजन किया गया। इस योजना के व्‍यापक प्रभाव का आकलन करने के लिए राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना के डाटाबेस से उपलब्‍ध आंकड़ों का भी इस्‍तेमाल किया गया।
    अध्‍ययन से पता चला है कि इस राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना से स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का लाभ उठाने की दृष्टि से महिलाओं की फैसला लेने की शक्ति और आर्थिक संसाधनों पर नियंत्रण रखने की उनकी योग्‍यता बढ़ी है। इस योजना से बड़ी संख्‍या में महिलाओं के जीवन में सुधार आया है और वे गुणवत्‍तापूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने लगीं हैं। 
(पत्र सूचना कार्यालय विशेष लेख)
   (PIB)          07-दिसंबर-2012 13:38 IST 
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-अधिक विवरण के लिए ग्राफ/चार्ट अंग्रेजी फीचर में देखें।
*अतिरिक्‍त सचिव एवं महानिदेशक, श्रम कल्‍याण          
   
        
मीणा/राजगोपाल/यशोदा – 293

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